बैरी चांद आज बादलों की ओट से निकल ही नहीं रहा। पता नहीं शर्मा रहा है या खफा है ? बैरी चांद आज बादलों की ओट से निकल ही नहीं रहा। पता नहीं शर्मा रहा है या खफा है ...
चलिऐ अब.... चलिऐ अब....
आंसू पोंछकर वह फिर उठ गई थी एक झूठी मुस्कान बिखेरने के लिए..... आंसू पोंछकर वह फिर उठ गई थी एक झूठी मुस्कान बिखेरने के लिए.....
मैनेजर ने अफ़सोस के साथ कहा "अभी-अभी आपकी दादी ने आख़री साँसे लेकर देह छोड़ा है उनकी जु मैनेजर ने अफ़सोस के साथ कहा "अभी-अभी आपकी दादी ने आख़री साँसे लेकर देह छोड़ा है ...
लाशों की ढेरी से इस प्रतिच्छाया चाँद से भी अधिक वह चाँद हिला हुआ है।' लाशों की ढेरी से इस प्रतिच्छाया चाँद से भी अधिक वह चाँद हिला हुआ है।'
बता तुझ से क्या बात करूं ए चाँद क्या बात करूं ? बता तुझ से क्या बात करूं ए चाँद क्या बात करूं ?